এখানে বিগত চল্লিশ বছর ধরে জনগন দাবী করলে তাঁদের মুখ বন্ধকরাই রাজনৈতিক রীতি। সে যদি হিন্দু হয় বা বিরোধী দলের কেউ হয় তাহলে ষোলো কলা পূর্ণ হয়।
তো গতকাল এক শিক্ষক গুলিবিদ্ধ হয়েছেন। স্থান পশ্চিমবঙ্গ তথা কলকাতার ক্রিমিনাল ও সন্ত্রাসীদের অন্যতম ঘাঁটি বলে অভিযুক্ত মেটিয়াবুরুজ। সোমবার সকাল ৯টা ৫০মিনিট , দিনদাহারে হঠাৎ গুলির শব্দে কেঁপে উঠেছিল এলাকা৷ স্থানীয় বাসিন্দারা ছুটে গিয়ে দেখেন রাস্তার ওপর লুটিয়ে আছে এক যুবক৷ শরীর থেকে রক্ত ঝরছে৷ কারণ গুলিতে এফোঁড়- ওফোঁড় হয়ে গিয়েছে তার বুক৷ খবর দেওয়া হয় পুলিশকে৷ রাস্তা থেকে তাকে উদ্ধার করে পাঠানো হয় এসএসকেএম হাসপাতালে৷ ব্যক্তি একজন শিক্ষক, একজন RSS কর্মী এবং বিজেপি নমো এগেনের সদস্য। এর আগেও তার গায়ে হাত ওঠে, মারধর করা হয়। বিগত ছয় মাস তিনি অত্যাচারের শিকার। বারবার পুলিশে অভিযোগ করেও ফল হয় নি।
অভিযোগের তীর এক প্রোমোটারের বিরুদ্ধে৷ ওই প্রোমোটার স্থানীয় তৃণমূল কাউন্সিলরের ঘনিষ্ঠ৷প্রসঙ্গত ১৩৭ নম্বর ওয়ার্ডের কাউন্সিলর রহমত আনসারী ওরফে সাহাবুদ্দিন আনসারীর নাম ঘটনা সূত্রে এসেছে।
বিগত ছয় মাস সময়কালে বারবার মেটিয়াবুরুজ থানায় অভিযোগ করা হয়েছিল৷ কিন্তু তারপর পুলিশ আর কোনও ব্যবস্থা নেয়নি৷
সূত্রের খবর, গুলিবিদ্ধ বীরবাহাদুর সিংহ মেটিয়াবুরুজ এলাকায় একটি বাড়িতে দীর্ঘদিন ধরে ভাড়া রয়েছেন৷ বছর খানেক আগে থেকে তাকে বাড়ি ছাড়তে বলা হচ্ছে৷ এই নিয়ে বাড়িওয়াল এবং প্রোমোটারের সঙ্গে তাঁর ঝামেলা চলছে৷ পুলিশের প্রাথমিক অনুমান, বাড়িওয়ালা-ভাড়াটে সংঘাত থেকে এই ঘটনা ঘটতে পারে৷ তবে এর পেছনে অন্য কোনও কারণ আছে কিনা, তাও খতিয়ে দেখা হচ্ছে৷
মেটিয়াবুরুজ থানা এলাকার লিচু বাগানের বাসিন্দা বীরবাহাদুর সিংহ৷ বয়স ২৯ বছর৷ পেশায় স্থানীয় একটি স্কুলের কম্পিউটার প্রশিক্ষক৷ সোমবার সকাল ১০ টা নাগাদ অন্যান্য দিনের মত হেঁটে বাড়ি থেকে স্কুলে যাচ্ছিলেন৷ তখন তাকে কাছ থেকে দুষ্কৃতীরা করে পালিয়ে যায়৷ সেই গুলি পিঠ দিয়ে ঢুকে বীরবাহাদুরের হৃদপিণ্ডের দেড় ইঞ্চি নীচ দিয়ে বেরিয়ে যায়৷ ঘটনাটি ঘটেছে গার্ডেনরিচ থানা এলাকার মসজিদ তালাও এলাকায়৷
আমাদের ছোটবেলার ইস্কুলে লেখা থাকত ‘শ্মশানের বুকে রোপণ করেছি আমরা পঞ্চবটী/ তাহারই তলায় মিলাব আমরা জগতের শতকোটী’।
হ্যাঁ , শিক্ষক ….গুরু…তিনিই মাতা পিতার পরে প্রথম ব্যক্তি যিনি জগতের জ্ঞান প্রদান করেন। তিনি আমাদের শেখান ‘মা বিদ্বিষাবহৈ’।
কৃষ্ণযজুর্বেদীয় কঠোপনিষদের শান্তিমন্ত্র সেটি। প্রার্থনা করা হচ্ছে, ব্রহ্ম যেন গুরু-শিষ্যকে সমান ভাবে রক্ষা করেন, বিদ্যাফল যেন সমভাবে দান করেন, গুরু-শিষ্য যেন সমান সামর্থ্য অর্জন করেন, উভয় পক্ষের প্রাপ্ত বিদ্যা যেন সমান সফলতা পায়। এই অবধি শ্লোকটি বুঝতে কোনও অসুবিধে হত না। ব্রহ্ম-ট্রহ্ম বাদ দিয়ে এক রকম মানে করে নেওয়া যেত। সত্যিই, সাফল্য ও সামর্থ্য লাভের জন্যই তো বিদ্যাচর্চা, বিদ্যার্জন। গুরু-শিষ্য দুইয়ের জীবনেই সাফল্য-সামর্থ্য থাকে যদি, তবেই তো প্রতিষ্ঠান, সমাজ, দেশ খুশি হবে। প্রাচীন ঋষিরা যে বাস্তববোধরহিত ছিলেন না, এতে তা দিব্যি টের পাওয়া যেত। কিন্তু এই শান্তিমন্ত্রের শেষের দিকটি তখন কিছুতেই মাথায় ঢুকত না। সেখানে ছিল, ‘মা বিদ্বিষাবহৈ’, আমরা যেন পরস্পরকে বিদ্বেষ না করি।
কিন্তু অদ্ভুত ভাবে আজ এই পশ্চিমবঙ্গের শিক্ষক সমাজ পদে পদে নিগৃহীত হচ্ছেন। তাঁদের উপর লাঠিচার্জ থেকে শুরু করে গুলিও চলছে।
कोलकाता महानगर के रा.स्व.संघ के कार्यकर्ता (दक्षिण पश्चिम विभाग के मटिया बुर्ज नगर कार्यवाह) श्री विरबहादुर सिंह, उम्र 29 वर्ष, ठिकाना लीचू बागान( थाना मटिया बुर्ज) व्यवसाय से टांटिया स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक को आज सुबह 9:50 को जब वे स्कूल जाने के लिए घर से निकले तब मस्जिद तला ( थाना गार्डन रीच) के पास पीठ के पीछे से दो व्यक्तियों ने गोली मार दी जिससे वे गंभीर रूप से घायल होकर गिरपडे, किन्तु वो उस समय होंश में थे और मदद के लिए पुकार की। किसी अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस को खबर देनेसे पुलिस कर्मियों ने आकर उनको SSKM अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उनके सीने में से गोली निकाली गई। पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया है जिसमें उन्होंने वार्ड नंबर 137 के कोंसिलर रहमत आलम अंसारी तथा साहबुद्दिन अंसारी का इस घटना के पीछे के साजिशकर्ता बताया है।
पूर्व इतिहास:
विरबहादुर सिंह एक उत्साही युवा के रूप में मटियाबुर्ज इलाके में होनेवाली विविध सामाजिक और राष्ट्रीय गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे है। अपने युवा मित्रों के साथ विगत 4 वर्षों से वे 15 अगस्त और 26जनवरी को तिरंगा यात्रा का आयोजन करते थे। प्रारम्भ से ही इन यात्राओं के आयोजन में वहां के कौंसिलर और उनके शागिर्द तिरंगा यात्रा का विरोध और धमकियां देने का काम करते रहे। 2 वर्ष पहले तिरंगा यात्रा पर उन लोगो ने हमला किया जिसके लिए पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के नाम से मात्र डायरी लोज की, कोई कार्यवाही नहीं की। इन सब घटना ओ के चलते तिरंगा यात्रा के आयोजकों को कानूनी सलाह देने को लेकर स्थानीय वकील श्री विनायक शर्मा जी को भी गुंडा तत्वों ने बहुत मार मारा जिसकी FIR मटिया बुर्ज थाना में की गई थी, किन्तु कोई कार्यवाही नहीं! उन्हीं दिनों में एक समय विरबहादुर सिंह के घर के पास गो मांस भी फेंका गया। विरबहादुर सिंह के घर पर आक्रमण कर तोड़फोड़ और जान से मारने की धमकी दी गई। किन्तु इन सब से ना डरते हुए विरबहादुर तिरंगा यात्रा में सक्रिय रहे। विगत 6 मास से उनको विभिन्न रूप से जान से मारने की धमकी दी गई और यहां हिन्दू की बात नहीं चलेगी, आरएसएस नहीं चलेगा, ऐसी चेतावनी दी गई थी। पुलिस को इन सब बातों के लिए बार बार खबर देने के बाद भी कुछ कार्यवाही नहीं हुई। आज घटी घटना पूर्व नियोजित और सोच समझ कर की गई योजना है। मटिया बुर्ज इलाके के जेहादी तत्वों ने अपनी रण नीति के रूप में इस घटना को अंजाम दिया है। वीर बहादुर सिंह अभी ITU में डॉक्टर्स की निगरानी में है।