যাচাই করা অজ্ঞানতার অংশ। যে বিষয়ে তুমি নিশ্চিত নও তা-ই তুমি কেবল যাচাই করে দেখো ৷ ঈশ্বর তোমাকে যাচাই করেন – এর অর্থ হল তিনি যথেষ্ট ভালো করে তোমাকে জানেন নি। মানুষ কি করে ভাবতেও পারে যে ঈশ্বর তাদের যাচাই করছেন ? ঈশ্বর তোমাকে যাচাই করেন না কারণ তিনি তোমাকে অন্তরে-বাইরে, এবং তোমার অতীত, বর্তমান, ভবিষ্যৎ জানেন। তিনি তোমার সামর্থ্য ও দুর্বলতাগুলিও জানেন ৷ তোমার সক্ষমতা বা সামর্থ্য তিনিই দিয়ে থাকেন। ঈশ্বর তোমাকে যাচাই করেন না।
তুমিই কেবল নিজেকে যাচাই করতে পারো। যখন তোমার আত্মবিশ্বাস থাকে না তখন তুমি যাচাই করো। আত্মবিশ্বাস থাকলে তুমি যাচাই করবে কেন ? তুমি যদি নিজেকে যাচাই করো, অর্থাৎ তুমি নিজেকে জানো না।
তুমি কি ঈশ্বরকে যাচাই করছ ?
তিনি কিন্তু কখনোই এতে উত্তীর্ণ হবে না কারণ তিনি নিজেকে কখনোই তোমার যাচাই করার মাধ্যমে প্রকাশ করবেন না। তিনি যদি এভাবে প্রকাশিত হন তবে তিনি ঈশ্বর নন (হাসি)৷
এটি বুঝে থাকলে অথবা না বুঝে থাকলেও – হাসো !
🌷 জয় গুরু দেব 🌷
Weekly Knowledge #1⃣8⃣7⃣
Bad Antogast
13 Jan 1999
Germany
DO YOU TEST GOD, OR DOES GOD TEST YOU?
Testing is part of ignorance. You only test that of which you are not sure. If God is testing you, that means God doesn’t´ know you well enough. How could people ever think that God is testing them?
God does not test you because he knows you in and out and your past, present and future. He knows your strengths and weaknesses and he alone gives you strength. He doesn’t test you.
Only you can test yourself. Only when you do not have confidence, then you test. If you are confident, why would you test? If you are testing yourself, you do not know yourself.
Are you testing God?
God will never pass your test because He will never show up for your test. If He shows up for your test, then He is not God (laughter).
Whether you get this or not – just laugh!
🌸Jai Guru Dev🌸
साप्ताहिक ज्ञानपत्र १८७
१३ जनवरी, १९९९
जर्मनी
क्या तुम प्रभु की परीक्षा लेते हो या प्रभु तुम्हारी परीक्षा लेते है?
परीक्षा लेना अज्ञानता का हिस्सा है। तुम केवल उसी की परीक्षा लेते हो जिसके प्रति तुम निश्चित नहीं हो। यदि ईश्वर तुम्हारी परीक्षा लेते है, उसका अर्थ है वे तुम्हे अच्छी तरह जानते नहीं। लोग यह सोच भी कैसे सकते है कि ईश्वर उनकी परीक्षा ले रहे है?
ईश्वर तुम्हारी परीक्षा नहीं लेते, क्योकि वे तुम्हे अंदर और बाहर, अच्छी तरह से जानते है-तुम्हारा भूत, वर्तमान और भविष्य । वे तुम्हारे सामर्थय और कमजोरियों को जानते है और केवल वे ही तुम्हे बल देते है। वे तुम्हारी परीक्षा नहीं लेते।
केवल तुम ही अपनी परीक्षा ले सकते हो। तुम परीक्षा तभी लेते हो जब तुम्हे विश्वास नहीं रहता। यदि तुम्हे भरोसा है, तुम परीक्षा क्यों लोगे? यदि तुम अपनी परीक्षा ले रहे हो, तो तुम खुद को नहीं जानते।
क्या तुम ईश्वर की परीक्षा ले रहे हो?
ईश्वर तुम्हारी परीक्षा में कभी सफल नहीं होंगे क्योकि वे तुम्हारी परीक्षा के लिए प्रकट ही नहीं होंगे। यदि वे तुम्हारी परीक्षा के लिए उपस्थित हो, तो वे ईश्वर नहीं। (हंसी)
चाहे यह बात समझ में आए या नहीं – बस हंसो !
🌸जय गुरुदेव🌸