देश के विकास में लगे दो तरह के भारत को जोड़ना है।

भारत रत्न अभियंता विश्वेश्वरैया के जन्मदिन पर आज आई आई ई एस टी शिवपुर की विज्ञान प्रौद्योगिकी की पुण्य भूमि पर अभियंता दिवस मनाते हुए दो तरह के भारत को एक करने की बात विज्ञान भारती की पश्चिम बंग शाखा विवेकानंद विज्ञान मिशन के उपाध्यक्ष जिष्णु बसु ने कही। श्री बसु ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के शैक्षणिक संस्थानों से निकले अध्यापक व छात्रों की प्रद्यौगिकी के कार्यक्षेत्र में 15प्रतिशत भागीदारी है तो 85 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र के वे कर्मी है जो प्रद्यौगिकी तथा अभियांत्रिकी के कार्यों को क्रियान्वित करते हैं। ऐसे ही हावड़ा के दो ऐसे कर्मियों को आज अभियंता विश्वेश्वरैया की याद में काली पद पारामानिक और घोष इंडस्ट्रीज के संस्थापक बापन घोष को सम्मानित किया प्रोफेसर सुशांत चक्रवर्ती और प्रोफ़ेसर सुदीप्त मुखर्जी ने विज्ञान भारती की ओर से मान पत्र और सम्मान राशि देकर। सहा इंस्टीट्यूट आफ न्यूक्लियर के अभियंता श्री बसु ने बताया कि स्टील के तैयार उपकरण के लिए बापन को हिग्स बोसोन परमाणु और “मिऊ वन” परमाणु को व्यवहारिक रूप से जोड़ने के लिये काली पद को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर आईआईईएसटी के शोधार्थी छात्र दीपक सिंह के साथ अन्य छात्र और कर्मी मौजूद थें। समारोह का संचालन विज्ञान भारती के संगठन सचिव एम श्रीप्रसाद ने किया।

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