একটি পরিনত অবিভক্ত মন বিশ্বস্ত হয়। চেতনার অখন্ডতা ও সম্পূর্ণতা বিশ্বস্ততার ইঙ্গিত দেয় ৷ বিশ্বস্ততা মানসিক সমৃদ্ধির পরিচয় দেয়। একটি বিভক্ত মন জরাগ্রস্ত, বিশ্বাসঘাতক ও সুযোগসন্ধানী হয়। সুবিধাবাদ থেকে বিশ্বাসঘাতকতার সৃষ্টি হয়। মানুষের ভবিষ্যৎ ভাগ্যের অদূরদর্শিতা হল সুবিধাবাদ ৷ সুস্থ থাকার জন্য অখন্ডতা অথবা সামগ্রিকতা অত্যাবশক। একটি বিভক্ত মন ক্রমশ সীত্সফ্রেনীয়্যা এবং অন্যান্য শারীরিক ও মানসিক ব্যাধির কবলে পড়বে ৷ বিশ্বস্ততা হল আসল শক্তি যা সুদীর্ঘ সময়ে প্রকৃতি দ্বারা সমর্থিত।
ভয় এবং উচ্চাশা বিশ্বস্ততার পথে বাধা সৃষ্টি করে। সাংসারিক ও আধ্যাত্মিক উভয় ক্ষেত্রেই বিশ্বস্ততা অপরিহার্য বিষয় ৷ যে কোনো প্রতিষ্ঠান, দল অথবা সমাজে বিশ্বস্ততা অত্যাবশ্যক।
অঙ্গীকারবদ্ধ হওয়া বা প্রতিশ্রুতি রক্ষায় বিশ্বাসী হওয়া হল বিশ্বস্ততা ৷ প্রতিশ্রুতিবদ্ধ ও অঙ্গীকারবদ্ধতার সম্মান রক্ষা হল বিশ্বস্ততা ৷ তৃষ্ণা বিতৃষ্ণার দ্বৈততার উর্ধ্বে আমাদের উন্নীত করে বিশ্বস্ততা।
দায়িত্ববোধ, উৎসর্গ, প্রতিশ্রুতি রক্ষা হল বিশ্বস্ততার অঙ্গ প্রত্যঙ্গ।
একটি বিশ্বস্ত মন হল ইতিবাচক মন। প্রশ্ন করার উদ্দেশ্য হল একটি যথার্থ উত্তর পাওয়া ৷ সমস্ত উত্তরের লক্ষ্য হল ইতিবাচকতা সৃষ্টি করা। ইতিবাচকতা জ্ঞানকে স্বীকৃতি দেয়। একটি ইতিবাচক মন প্রশান্ত, পূর্ণ এবং আনন্দিত মন হয়। নেতিবাচক মন বিক্ষুব্ধ, সন্দেহপ্রবণ এবং দুর্দশাগ্রস্ত হয়। বিশ্বস্ততা শুরু হয় ইতিবাচক মনের মাধ্যমে এবং নেতিবাচক মন দ্বারা এর বিনাশ শুরু হয়।
🌸 জয় গুরুদেব 🌸
Weekly Knowledge #1⃣6⃣5⃣
Europeon Akademie,Bad Antogast
04 Aug 1998
Germany
LOYALTY
Loyalty is the way in which a mature and integrated mind behaves. Loyalty indicates undivided wholeness of consciousness and shows richness of the mind. When the mind is not integrated it is feverish, disloyal and opportunistic. Disloyalty comes out of opportunism.
Opportunism is short-sightedness of one’s destiny. Integrity or wholeness is essential to be healthy. A divided mind will gradually lead to schizophrenia and other physical and mental disorders. Loyalty is a real strength and will have the support of nature in the long run.
Fear and ambitions are impediments to loyalty. Loyalty is needed both in the material and spiritual plane. Either to destroy, create or maintain any institution, group or society, loyalty is essential.
Loyalty means believing in the continuity of commitment. Honouring commitment is loyalty. It takes you beyond the duality of craving and aversion.
Responsibility, dedication, commitment are the limbs of loyalty.
A loyal mind is a ‘yes’-mind. The purpose of asking questions is to get an answer. The purpose of all answers is to create a …’yes’…. ‘Yes’ is an acknowledgement of knowledge. The ‘yes’-mind is a quiet, holistic and joyful mind. The ‘no’-mind is a agitated, doubting and miserable mind. Loyalty begins with a ‘yes’-mind and starts to perish with a ‘no’-mind.
🌸Jai Gurudev🌸
साप्ताहिक ज्ञानपत्र १६५
४, अगस्त , १९९८
यूरोपियन आश्रम, जर्मनी
निष्ठां
एक परिपक्व और स्थिर मन जिस प्रकार व्यवहार करता है , वह निष्ठां है।
निष्ठां चेतना की अखंड पूर्णता को इंगित करती है और मन की सम्पन्नता को दर्शाती है। जब मन संकलित नहीं होता , तब वह व्यग्र , निष्ठाहीन और अवसरवादी होता है।
अनिष्ठा अवसरवादिता से अति है। अपने भाग्य के प्रति अदूरदर्शी होना अवसरवादिता है। स्वस्थ मन के लिए अखंडता या सम्पूर्णता आवश्यक है। एक विभाजित मन धीरे-धीरे दिमागी बीमारी की ओर ले जाता है ओर शारीरिक तथा मानसिक विकार लता है। निष्ठां ही सच्चा बल है ओर आख़िरकार सृष्टि भी इसी का साथ देगी।
भय और लालसा निष्ठां के लिए बाधक है। निष्ठां , भौतिकता व आध्यात्मिक, दोनों ही स्तरों पर चाहिए । किसी भी संस्था , वर्ग या समाज के विनाश , निर्माण या संरक्षण के लिए निष्ठां अत्यंत आवश्यक है।
निष्ठां का अर्थ है वचनबद्धता की निरंतरता को बनाए रखना।
वचनबद्धता का सम्मान करना निष्ठां है। यह तुम्हे राग द्वेष के द्वैत के परे ले जाती है। उत्तरदायित्व , अर्पण और प्रतिबद्धता निष्ठां के अंग है।
एक निष्ठावान मन “हां” मन है । प्रश्न पूछने का उद्देश्य है उत्तर पाना। सभी उत्तरो का उद्देश्य है “हां” की स्थिति लाना।
“हां” ज्ञान की स्वीकृति है। “हां” मन शांत, पावन और प्रसन्न मन है। “नहीं” मन विचलित, संदेहशील और दुखी मन है। निष्ठां “हां” मन से शुरू होती है और “नहीं” मन से ख़तम होने लगती है।
🌸जय गुरुदेव🌸
সাপ্তাহিক জ্ঞান # ১৬৫
ইউরোপিয়ান একাডেমী, ব্যাড অ্যান্টোগ্যাস্ট
৪ই অগাস্ট ১৯৯৮
জার্মানী